यथासंभव यह ब्लॉग हिन्दी में, हिन्दी हेतु रहेगा। सर्च इंजनों या अन्य तकनीकी कारणों से कुछ कोटि-शब्द अंग्रेज़ी में भी हो सकते हैं।
मूलत: यह एक इलाहाबादी ब्लॉग है उस संगम के तीर(तट) से, जिसमें पवित्र नदियों गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है जो यहाँ की साहित्यिक-सांस्कृतिक अन्तर्धारा में प्रवाहित है।
ये है वो मट्ठे का गिलास जो हमेँ आज ऑफ़र किया गया, सत्तू क्लब की वार्षिक सदस्यता के साथ।
उत्तर मध्य रेलवे के मानचित्र पर यह रखा भी वहीँ है जहाँ से आया है यानी खागा और भरवारी के बीच।
चियर्स!
No comments:
Post a Comment