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Wednesday, March 31, 2010

मेरी ख़ुश्बू

ज़र्रा-ज़र्रा मेरी ख़ुश्बू से रहेगा आबाद
मैं लख़्त-लख़्त हवाओं में बिखर जाऊँगा

ज़र्रा-ज़र्रा   मेरी   ख़ुश्बू   से    रहेगा   आबाद

मैं लख़्त-लख़्त हवाओं में बिखर जाऊँगा

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