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Monday, March 15, 2010

गिरजा : इलाहाबाद के चर्च

और यह रहा इलाहाबाद उच्च न्यायालय और रेलवे स्टेशन के समीप ही स्थित एक अन्य चर्च : सेण्ट पैट्रिक चर्च। यह कानपुर रोड पर 'पानी की टंकी' चौराहे से कानपुर की ओर स्थित है। आमतौर पर टेम्पो के अनधिकृत ठहराव या अड्डे के पीछे छुपता हुआ। यहाँ एक अत्यन्त योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक का दवाख़ाना (शायद अभी भी हो) चलता था; एक स्कूल भी चलता है।
इस 'पानी की टंकी' चौराहे से कानपुर रोड गुज़रती है और उसे अंग्रेज़ी अक्षर 'वी' के आकार में मिलती हैं दो और सड़कें - पहला तो नवाब यूसुफ़ मार्ग, जिस पर मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय भी स्थित है और इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन का सिविल-लाइन प्रवेश भी। दूसरा मार्ग है एक फ़्लाई-ओवर जो रेलवे स्टेशन के पुराने शहर की ओर के प्रवेश 'सिटी साइड' की ओर लीडर रोड पर ले जाता है।
नियमित यातायात जाम की समस्या को झेलता है यह चौराहा, जो उच्च न्यायालय, रेलवे स्टेशन, सिविल लाइन के ट्रैफ़िक का बोझ झेलते हुए कानपुर के राजमार्ग की छाती पर मूँग दलता रहता है। यह कानपुर रोड अब वास्तव में ग्रैण्ड ट्रंक रोड (एनएच2) का बाईपास नहीं रहा, उसी का अघोषित हिस्सा बन चुका है। बहुत से लोगों को तो यह पता भी नहीं कि अगर यह 'जीटी रोड' (बोलचाल में) नहीं है तो फिर जीटी रोड है कहाँ इलाहाबाद में।
सेण्ट पैट्रिक चर्च इन समस्याओं का मूक दर्शक भी है और साक्षी भी - हमारे उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कानपुर रोड पर बढ़ाए गए दैनिक सड़क यातायात का जो इलाहाबाद शहर से दूर सूबेदारगंज में मुख्यालय के होने का परिणाम है।

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