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मूलत: यह एक इलाहाबादी ब्लॉग है उस संगम के तीर(तट) से, जिसमें पवित्र नदियों गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है जो यहाँ की साहित्यिक-सांस्कृतिक अन्तर्धारा में प्रवाहित है।
पहली बार इस गाने का फिल्मांकन देखा, सुनने में जितना बेहतरीन गाना है, देखने में लगता है की निर्देशक क्या सबसे बड़ा गधा था जो ऐसा फिल्मांकन किया. वाकई आपका कथन एकदम सत्य है
yeh gana mujhe bhi bahut jyada pasand hai.iske saath kuch meethi yaadain judi hain . aap kitni baariki se note karte hain .maine kabhi is drishti se socha hi nahin.sach main filmankan bahut hi ghatiya hai.
10 comments:
सुनने में तो यह गीत मुझे भी बहुत पसंद है.
ओह ! मैंने इसके पहले इस गाने का पिक्चराइजेशन नहीं देखा था. गाना तो मुझे भी अच्छा लगता है... सुनने में.
सहमत हूँ , महराज !
अभी तक तो देखा नहीं था। देखकर इस संवेदनहीनता पर पूर्ण विश्वास हो गया।
गाना मुझे बहुत पसंद है. फिल्मांकन के बारे में आपने सही कहा.
पहली बार इस गाने का फिल्मांकन देखा, सुनने में जितना बेहतरीन गाना है, देखने में लगता है की निर्देशक क्या सबसे बड़ा गधा था जो ऐसा फिल्मांकन किया. वाकई आपका कथन एकदम सत्य है
yeh gana mujhe bhi bahut jyada pasand hai.iske saath kuch meethi yaadain judi hain .
aap kitni baariki se note karte hain .maine kabhi is drishti se socha hi nahin.sach main filmankan bahut hi ghatiya hai.
Himaanshu ji ..Gaana mujhe bhi bahut pasand hai. Filmaankan ke baare men kuchh nahi kah sakta.
व्यस्तताओं ने कभी संगीत-प्रेमी होने ही नहीं दिया. आप तो मुझे बिगाड़ रहे हैं.
हो सकता है कि कल मेरी मम्मी आपसे लड़ने पहुँच जायें. :-)
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