tag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post6566814922174439478..comments2023-10-30T21:40:24.450+05:30Comments on ॥ संगम तीरे ॥ Sangam Teere: अभिव्यक्ति-2Himanshu Mohanhttp://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-71508190462623721092010-05-26T06:51:39.106+05:302010-05-26T06:51:39.106+05:30इस तरह की प्रविष्टियों की श्रृंखला बनाईये..नियमित ...इस तरह की प्रविष्टियों की श्रृंखला बनाईये..नियमित अंतराल पर दीजिए ! <br />काफी काम की सिद्ध होंगी यह ! लाभान्वित होगा ब्लॉगजगत !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-47132753214095665012010-05-14T18:15:34.648+05:302010-05-14T18:15:34.648+05:30अभि = सीधा !!
ही ही ही, हम भी बहुत बड़े 'अभि...अभि = सीधा !!<br />ही ही ही, हम भी बहुत बड़े 'अभि' हैं, इसका मतलब अब जाने हैं.Rajeev Nandan Dwivedi kahdojihttps://www.blogger.com/profile/13483194695860448024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-62382371505754365552010-05-14T17:01:01.356+05:302010-05-14T17:01:01.356+05:30टिप्पणी करने की जल्दी तो मुझे नहीं होती और बिना कण...टिप्पणी करने की जल्दी तो मुझे नहीं होती और बिना कण्टेण्ट पढ़े बहुत कम टिप्पणियां की हैं। पर "उम्दा" "अति सुन्दर" "नाइस" "ग़ज़ब!" जैसे का प्रयोग दो अवस्थाओं में किया है - नॉनकमिटल होने पर अथवा बहुत प्रसन्न होने पर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-45510217000998743552010-05-14T15:14:08.907+05:302010-05-14T15:14:08.907+05:30@Amitraghat
आपका सुझाव स्तुत्य है, परन्तु पहल वही...@Amitraghat <br />आपका सुझाव स्तुत्य है, परन्तु पहल वही कर सकते हैं जिनका संबन्धित भाषाओं पर अधिकार हो। मेरा हाथ तंग है दक्षिण-भारतीय भाषाओं में, मगर मैं यह कहना चाहूँगा कि -<br /><br />@प्रवीण पाण्डेय <br />सुन रहे हैं न! आपके बेंगलूरु में होने का कुछ लाभ इस रूप में भी मिले हिन्दी ब्लॉग-जगत को।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-60494995620002486732010-05-14T14:34:10.447+05:302010-05-14T14:34:10.447+05:30"आपके के सानिध्य में रहने से मेरी हिन्दी में ..."आपके के सानिध्य में रहने से मेरी हिन्दी में सुधार होता रहेगा। हमे अब कविताओं में कहानियों में दक्षिण भारत की भाषाओं के शब्दों का भी समावेश करना चाहिए ताकि हिन्दी के कोश और भी समृद्ध हो सके ....."Amitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-80137570294032362862010-05-13T22:00:35.786+05:302010-05-13T22:00:35.786+05:30@Udan Tashtari
@M VERMA
यह स्पष्ट कर देना मेरा दाय...@Udan Tashtari<br />@M VERMA<br />यह स्पष्ट कर देना मेरा दायित्व है कि "ग़ज़ब पोस्ट" कहते ही "ग़ज़ब" विशेषण बन जाता है और तब इसका अर्थ "विलक्षण" या "कमाल" के अर्थ में ही लिया जाएगा। जब "ग़ज़ब" अकेला हो, तभी दुविधा हो सकती है कि यह संज्ञा है या विशेषण। सो आप लोग धड़ल्ले से "ग़ज़ब पोस्ट/लेख/रचना" प्रयोग कीजिए।<br />धन्यवाद!<br /><br />@गिरिजेश राव<br />आभार! शीर्ष पैरा हिन्दी में न होने के पीछे यह आशंका ही थी कि पता नहीं लिखूँ, न लिखूँ, कब तक चले। खाता 2007 में खोला मगर उसके बाद कभी कुछ नहीं लिखा, अभी 2010 की आधी फ़रवरी गुज़र जाने तक।<br />अब आपने कहा है, तो यह भी कर लूँगा जल्दी ही। वैसे भी 100 से ज़्यादह पोस्ट हो चुकी हैं, और अभी अगले दस-बीस आलेख तक बन्द करने का कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं दिखता, तो हिन्दी में कर लेना ही जमता है।<br />धन्यवाद।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-1769674865760390812010-05-13T21:47:51.197+05:302010-05-13T21:47:51.197+05:30अच्छा लगा आप, जो कि प्रोफाइलानुसार 103 वर्ष के हैं...अच्छा लगा आप, जो कि प्रोफाइलानुसार 103 वर्ष के हैं:), का मेरे ब्लॉग पर आना और संजीदा टिप्पणी करना। पुरनियों का आशीर्वाद बने रहना चाहिए :) <br /><br />यह हिन्दी ब्लॉग है, शीर्ष परिचय पैरा तो हिन्दी में कर दें। <br />बैरंग की उत्पत्ति जानना सुखद रहा। धन्यवाद।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-73744606406002513262010-05-13T21:44:52.456+05:302010-05-13T21:44:52.456+05:30बहुत बढिया ज्ञान दिया आपने.
ग़ज़ब तो लिखूँगा नहीं
अ...बहुत बढिया ज्ञान दिया आपने. <br />ग़ज़ब तो लिखूँगा नहीं<br />अच्छी पोस्टM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-2793892607208871702010-05-13T08:58:54.269+05:302010-05-13T08:58:54.269+05:30हम तो बैरंग को समझे ही नहीं । बैरंग वापस करने को ब...हम तो बैरंग को समझे ही नहीं । बैरंग वापस करने को बेरंग वापस करना ही समझते रहे ।<br />ज्ञान चक्षु खुले देव ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-9240491729930306622010-05-13T08:50:27.801+05:302010-05-13T08:50:27.801+05:30अब हम यह तो कहने से रहे कि ’गज” पोस्ट है...:) अभी ...अब हम यह तो कहने से रहे कि ’गज” पोस्ट है...:) अभी अभी समझे हैं...<br /><br /><br />वैसे स्कूल को विद्यालय के अलावा पाठशाला भी तो कहते हैं...स्विच को हमाये उपी में खटका कहते हैं...ब्जली वाला स्विच...बदल वाला नहीं.<br /><br /><br />बेहतरीन आलेख!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com