tag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post3139401561881890092..comments2023-10-30T21:40:24.450+05:30Comments on ॥ संगम तीरे ॥ Sangam Teere: कम्युनिस्ट और कम्युनिज़्म : नज़रियाHimanshu Mohanhttp://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-48767704497045602422010-06-14T18:29:41.334+05:302010-06-14T18:29:41.334+05:30मैं घोषित कम्युनिस्ट तो नहीं, पर इस विचारधारा से प...मैं घोषित कम्युनिस्ट तो नहीं, पर इस विचारधारा से प्रभावित अवश्य हूँ... हाँ दुर्गुणों से विरोध है... पर इसे व्यक्तिगत मामला मानती हूँ. <br />मैं स्वयं को वामपंथी मानती हूँ ---इस अर्थ में कि मैं व्यवस्था से असंतुष्ट हूँ और उसमें सुधार नहीं, परिवर्तन चाहती हूँ... पर घोर अहिंसक हूँ... अशोक जी के लेख और कवितायें मुझे पसंद आते हैं और मैं उनकी प्रसंशक हूँ... सबसे बड़ी बात उन्होंने प्रेम-विवाह किया है... पूरी दुनिया से विरोध करके ... <br />बेचैन जी की भी बात सही है कि अच्छे लोग दीखते नहीं क्योंकि चिल्लाते नहीं...और द्विवेदी जी की भी कि खोजने पर ऐसे और लोग मिल सकते हैं.<br />आपने बड़ी साफगोई से अपने विचार रखे हैं. अच्छा लगा. आलोचना इतने संतुलित ढंग से हो तभी अच्छी लगती है न कि पूर्वाग्रहग्रस्त होकर.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-58708983815401665192010-06-03T17:49:06.709+05:302010-06-03T17:49:06.709+05:30...प्रभावशाली लेख !!...प्रभावशाली लेख !!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-22759738618822763042010-06-03T17:46:07.372+05:302010-06-03T17:46:07.372+05:30बड़ी बेबाकी और साफगोई से आपने अपने विचारों को प्रस...बड़ी बेबाकी और साफगोई से आपने अपने विचारों को प्रस्तुत किया है. दरअसल हम सिर्फ विचार पढ़ कर ही मोहित होते हैं..जमीनी सच्चाई कुछ और बयान करती है.<br />....यह भी हो सकता है कि आच्छे कम्युनिष्ट जो अपने शरीर से प्यार करते हों, किसी प्रकार का कोई नशा नहीं करते हों, किसी धर्म की निंदा नहीं करते हों, इसलिए न दिखाई पड़ते हों कि वे ढोल नहीं पीटते ..!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-37227370243414586842010-06-03T09:55:19.989+05:302010-06-03T09:55:19.989+05:30जो विचारधारा मनुष्य को बाटती हो वह त्याज्य और निन्...जो विचारधारा मनुष्य को बाटती हो वह त्याज्य और निन्दनीय हो । आपने बहुत सटीक विश्लेषण है । विचारधारा की पहचान उसके उत्पाद से होती है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-79738469938790249762010-06-03T07:37:56.244+05:302010-06-03T07:37:56.244+05:30अच्छा लिखा है। बधाई!अच्छा लिखा है। बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-88648193852905760822010-06-03T03:40:02.621+05:302010-06-03T03:40:02.621+05:30आप मेरा धर्म न मानें - चलेगा। मगर आप किसी के भी धर...<b>आप मेरा धर्म न मानें - चलेगा। मगर आप किसी के भी धर्म का अपमान करें - यह नहीं चलेगा। आलोचना चल सकती है, दायरे में रह कर।</b><br />अपनी नयी रूढ़ियों, अंधविश्वासों और हिंसा और तानाशाही के प्रति असंतुलित प्रेम के चलते कम्युनिज्म भी एक नया परन्तु असहिष्णु धर्म ही है जो किसी स्थापित धर्म को बर्दाश्त नहीं करता.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-36552622272058870612010-06-02T19:25:51.542+05:302010-06-02T19:25:51.542+05:30"जैसे 2-2 कोस में जलवायु बदल जाती है,खेतों की..."जैसे 2-2 कोस में जलवायु बदल जाती है,खेतों की मिट्टी बदल जाती है जैसे अफीम के खेतों में गेहूँ नहीं उग सकता वैसे ही एक विचार भी हर देश के लिये मुफीद नहीं हो सकता ....मुझे "सत्यकाम" पसन्द है पर मेरे भाई को नहीं क्योकि उसमे नायक बेतहाशा सिगरेट पीता है......."Amitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-20249143991031374292010-06-02T17:52:35.601+05:302010-06-02T17:52:35.601+05:30तेज तर्रार लेख . बधाई ।तेज तर्रार लेख . बधाई ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-71234789408191036702010-06-02T17:00:44.397+05:302010-06-02T17:00:44.397+05:30After all they are also human beings.They will err...After all they are also human beings.They will err.<br /><br />All are blessed with some virtues and vices. Basic traits are same, no matter which philosophy they are following.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-6735976840596217942010-06-02T15:03:12.868+05:302010-06-02T15:03:12.868+05:30भीड़ में एक तो पाए
अशोक पांडेय तो पसंद आए
तलाशिए अ...भीड़ में एक तो पाए<br />अशोक पांडेय तो पसंद आए<br />तलाशिए अभी और मिलेंगे<br />और बहुत मिलेंगे<br /><br />कम्युनिस्टों को आईना दिखाती सुंदर पोस्ट!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-63115867114292553332010-06-02T14:32:31.952+05:302010-06-02T14:32:31.952+05:30वैचारिक पोस्ट
विश्लेषणात्मकवैचारिक पोस्ट<br />विश्लेषणात्मकM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2009678157680813557.post-66642896114910071352010-06-02T12:09:08.747+05:302010-06-02T12:09:08.747+05:30nice thoughtnice thoughtमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.com