साथी

Wednesday, April 21, 2010

और अब ये फूल

और अब ये फूल ऋतुसंहार को आए
सूर्य को सूरज - मुखी बन कर बहुत भाए

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें